मीठी बानी बोलता दुर्जन सिंह है आज
पता नहीं क्यूँ दीखता है गहरा कुछ राज
है गहरा कुछ राज, रात को सपने में आता
बैठ के बाजू, राजू के खाना खा जाता
'शिशु' कहें राजू है भौचक्का-भौचक्का
मीठी बानी बोलता क्यूँ आजकल दुर्जन कक्का
नयी नौकरी खोज में लोग लगे हैं रोज
ढूँढ रहे वो लोग हैं जो ऑफिस पर बोझ
जो ऑफिस पर बोझ दूसरों को शिक्षा देते
जैसे ही खुद मौका मिलता अप्लाई कर देते
'शिशु' कहें आजकल बस यही चलता है
नयी नौकरी के चक्कर में काम टलता है
नाम डूब जाए भले लेकिन हम हैं नेक
हमने ही खुशियाँ दी सबको बाकी भ्रष्ट अनेक
बाकी भ्रष्ट अनेक नाम मेरा चलता है
काम नहीं कुछ खास हाथ राजू मलता है
'शिशु' कहें दोस्तों क्या-क्या बतलाएं
नाम न डूबे इसीलए लेख दूसरों से लिखवाये
Thursday, July 23, 2009
नाश्ते में क्या है?
नाश्ते में क्या है?
जवाब मिला
दूध केला!
इसे क्यूँ लाये?
जबकि
पास नहीं है
एक धेला!
काली चाय बनाती
वो दूध तो बचाती ही
ऊपर से बीमारी
भी भगाती!
चलो खैर,
खाने में क्या है?
जवाब मिला दाल!
सुनकर श्रीमान जी
हो गए बेहाल
इतनी महंगाई!
दाल क्यों बनाई
अंडा करी बनाते
बीयर के साथ
मजे से खाते
क्या कहा रात में पियेंगे सूप!
दिन में क्या कम है धूप
कोका कोला पियेंगे
साथ-साथ जियेंगे
गर्मी भगायेगा
रात का खाना भी बच जाएगा!
जवाब मिला
दूध केला!
इसे क्यूँ लाये?
जबकि
पास नहीं है
एक धेला!
काली चाय बनाती
वो दूध तो बचाती ही
ऊपर से बीमारी
भी भगाती!
चलो खैर,
खाने में क्या है?
जवाब मिला दाल!
सुनकर श्रीमान जी
हो गए बेहाल
इतनी महंगाई!
दाल क्यों बनाई
अंडा करी बनाते
बीयर के साथ
मजे से खाते
क्या कहा रात में पियेंगे सूप!
दिन में क्या कम है धूप
कोका कोला पियेंगे
साथ-साथ जियेंगे
गर्मी भगायेगा
रात का खाना भी बच जाएगा!
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