Saturday, November 20, 2010

सभ्य नागरिक वो कहलाते, जो वोट डालने कभी न जाते

खेल में भ्रष्टाचार है,
रेल में भ्रष्टाचार है,
जेल में भ्रष्टाचार है,
लेकिन किन्तु परन्तु बंधु
मुझे देश से प्यार है!

मुस्लिम बन हिन्दू को मारा,
हिन्दू बन मुस्लिम को मारा,
मंदिर-मस्जिद हमें ना प्यारा
लेकिन किन्तु परन्तु बंधु
हम लोगों में भाई-चारा!

सभ्य नागरिक वो कहलाते,
जो वोट डालने कभी न जाते,
पर राजनीति को हैं गरियाते
लेकिन किन्तु परन्तु बंधु
नेता जी को वो हैं भाते!

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