राम का जन्म दिन हो मुबारक़ सभी,
कर्म का फ़ल मिलेगा अभी के अभी।
हो पुनर्जन्म का कोई झंझट नहीं,
पूर्ण कारज करो जी अभी के अभी।।
अग्नि की अब परीक्षा ज़रूरत नहीं,
कौन कहता है तुम ख़ूबसूरत नहीं।
राम की झूठी कसमें न खाया करो,
राम दिल में बसे कोई मूरत नहीं।
भाई कैसे मिले राम जैसा कहीं-
जब लखन न मिले उनके जैसा कहीं।
बात रिश्तों की बनती-बिगड़ती गयी
बाप मिल जाएंगे, मिलता पैसा नहीं।।
धारणा बन गयी पैसे का है समय,
अब गरीबों का बिल्कुल नहीं ये समय।
आ गया अब समय आप जैसों का है,
मेरे जैसों का बिल्कुल नहीं ये समय।।
कर्म का फ़ल मिलेगा अभी के अभी।
हो पुनर्जन्म का कोई झंझट नहीं,
पूर्ण कारज करो जी अभी के अभी।।
अग्नि की अब परीक्षा ज़रूरत नहीं,
कौन कहता है तुम ख़ूबसूरत नहीं।
राम की झूठी कसमें न खाया करो,
राम दिल में बसे कोई मूरत नहीं।
भाई कैसे मिले राम जैसा कहीं-
जब लखन न मिले उनके जैसा कहीं।
बात रिश्तों की बनती-बिगड़ती गयी
बाप मिल जाएंगे, मिलता पैसा नहीं।।
धारणा बन गयी पैसे का है समय,
अब गरीबों का बिल्कुल नहीं ये समय।
आ गया अब समय आप जैसों का है,
मेरे जैसों का बिल्कुल नहीं ये समय।।