चाह नहीं संसद की कुर्सी पिछवाड़े अपने चिपकाऊं.
चाह नहीं बन मुख्यमंत्री, फोटो अपनी ही लगवाऊं.
चाह नहीं अन्ना की टीम जैसी दुर्गति मैं करवाऊं.
मेरी चाह बड़ी साधारण साधारण ही मैं कहलाऊं...
चाह नहीं बढ़ जाए सैलरी चापलूस की श्रेणी पाऊं.
चाह नहीं दूजों के काम में रोड़ा बीच में मैं अटकाऊं.
चाह नहीं है काम छोड़कर छुट्टी लेकर घर मैं जाऊं.
मेहनत की है, मेहनत का फल मेहनत से ही मैं फिर पाऊं.
चाह नहीं अमिताभ साथ में मैं अपनी फोटो खिंचवाऊं
चाह नहीं ऐश्वर्या के बच्चे का नाम सुझाऊं
चाह नहीं एनजीओ का मैं डायरेक्टर कहलाऊं
'शिशु' की यही हार्दिक इच्छा बच्चा फिर से मैं बन जाऊं.