Sunday, June 26, 2016

हर शख़्स कीमती, किसी का मोल न मोलो।

झूठ जो बोलें, न उनसे झूठ तुम बोलो,
हैं खोलते गर भेद, उनके भेद न खोलो।
मीठी जुबाँ से बात करता है सभी से 'शिशु',
आप भी हर बात में रस कान में घोलो।
क्या हुआ जो साथ चलते हैं नहीं अपने,
ग़ैर हैं तो क्या हुआ कुछ साथ तुम होलो।
लगे न ठेस बातोँ से, न हो कोई कभी रुसवा,
बात जब भी हो, उसे सौ बार तुम तोलो।।
बख्श इज्ज़त, कर सभी का मान और सम्मान,
हर शख़्स कीमती, किसी का मोल न मोलो।

अब दिख गया हकीकत में कौन-कौन है..

हम दुःखी हैं पर राहत की बात ये है 'शिशु' 
पता चल गया अपना और पराया कौन है। 
बड़ा सुना था कहते कि सुख-दुःख में साथ हैं,
अब दिख गया हकीकत में कौन-कौन है।

सरे आम रहजनी हो गयी गाँव हमारे आज

सरे आम रहजनी हो गयी गाँव हमारे आज,
लुटा टमाटर, आलू, तेल और पाव भर प्याज,
और पाव भर प्याज, मित्रों दुख़दायी क्षण है,
जबकि, नेताजी के लिए यही चुनावी रण है,
'शिशु' कहें कुछ सालों से महंगाई ही चुनाव है,
रहजन ही बनाता चुनाव का असली तनाव है।

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