झूठ जो बोलें, न उनसे झूठ तुम बोलो,
हैं खोलते गर भेद, उनके भेद न खोलो।
हैं खोलते गर भेद, उनके भेद न खोलो।
मीठी जुबाँ से बात करता है सभी से 'शिशु',
आप भी हर बात में रस कान में घोलो।
आप भी हर बात में रस कान में घोलो।
क्या हुआ जो साथ चलते हैं नहीं अपने,
ग़ैर हैं तो क्या हुआ कुछ साथ तुम होलो।
ग़ैर हैं तो क्या हुआ कुछ साथ तुम होलो।
लगे न ठेस बातोँ से, न हो कोई कभी रुसवा,
बात जब भी हो, उसे सौ बार तुम तोलो।।
बात जब भी हो, उसे सौ बार तुम तोलो।।
बख्श इज्ज़त, कर सभी का मान और सम्मान,
हर शख़्स कीमती, किसी का मोल न मोलो।
हर शख़्स कीमती, किसी का मोल न मोलो।