सरे आम रहजनी हो गयी गाँव हमारे आज,
लुटा टमाटर, आलू, तेल और पाव भर प्याज,
और पाव भर प्याज, मित्रों दुख़दायी क्षण है,
जबकि, नेताजी के लिए यही चुनावी रण है,
'शिशु' कहें कुछ सालों से महंगाई ही चुनाव है,
रहजन ही बनाता चुनाव का असली तनाव है।
लुटा टमाटर, आलू, तेल और पाव भर प्याज,
और पाव भर प्याज, मित्रों दुख़दायी क्षण है,
जबकि, नेताजी के लिए यही चुनावी रण है,
'शिशु' कहें कुछ सालों से महंगाई ही चुनाव है,
रहजन ही बनाता चुनाव का असली तनाव है।
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