इतिहास की बातेँ सब किताबी बात हैं,
आज जो है हक़ीक़त में वही असल है।
आज जो है हक़ीक़त में वही असल है।
घुमा-फिरा कर मत किया करो कोई बात,
बात से ही निकलता हर बात का हल है।
बात से ही निकलता हर बात का हल है।
ये कविता, ये गीत, ये दोहे, वो तरन्नुम,
मतला ये है ये सब भी तो एक गजल है।
मतला ये है ये सब भी तो एक गजल है।
वो मन्दिर था ये मस्जिद है कहने दो उन्हें,
अरे सियासत को समझो ये सब छल है।
अरे सियासत को समझो ये सब छल है।
अगर मिलना है तो एक कोशिश करना 'शिशु'
बहुत सुना है ये कहते कि मिलते हम कल हैं
बहुत सुना है ये कहते कि मिलते हम कल हैं
लिखो! जी चाहे जो लिखो पर अपना लिखो,
दूसरों के कॉपी पेस्ट को ही कहते नक़ल हैं।
दूसरों के कॉपी पेस्ट को ही कहते नक़ल हैं।
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