Tuesday, January 5, 2010

किसे भिखारी की संज्ञा दें? किसको बोलूँ राजा...,

होते कौन महान लोग हैं?
किसको लोग पूजते,
कौन लोग मेहनती कहाते?
काम से कौन जूझते।

किसकी धाक शहर में चलती?,
गाँव का होता नेता कौन,
कितना पढ़ा लिखा नेता हो?,
इस उत्तर पर क्यूँ सब मौन।

किसे भिखारी की संज्ञा दें?
किसको बोलूँ राजा,
किसकी बासी खबर बताएं?
किसकी बोलें ताज़ा।

कौन काम ऑफिस में करता,
कौन है करता फुल आराम,
किसको पैसे ज्यादा मिलते
किसको कम मिलता है दाम?

प्रश्न बहुत हैं उत्तर कम क्यूँ?
इसका भी उत्तर बतलाना,
पता लगे यदि इन प्रश्नों का
लिखकर 'शिशु' को जरा बताना।

1 comment:

Udan Tashtari said...

बहुत सुम्दर रचना!!



’सकारात्मक सोच के साथ हिन्दी एवं हिन्दी चिट्ठाकारी के प्रचार एवं प्रसार में योगदान दें.’

-त्रुटियों की तरफ ध्यान दिलाना जरुरी है किन्तु प्रोत्साहन उससे भी अधिक जरुरी है.

नोबल पुरुस्कार विजेता एन्टोने फ्रान्स का कहना था कि '९०% सीख प्रोत्साहान देता है.'

कृपया सह-चिट्ठाकारों को प्रोत्साहित करने में न हिचकिचायें.

-सादर,
समीर लाल ’समीर’

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