Wednesday, July 14, 2010

देखा! पहली बारिश में ही दिल्ली की दिख गयी औकात

देखा! पहली बारिश में ही दिल्ली की दिख गयी औकात,
खेल! खेल में देखी जायेगी तब तब की और है बात.

खेल! खेल में ही हो गयी है देखो धोनी की चांदी,
खेल-खेल में बढ़ गयी देखो दिल्ली की आबादी.

आठ हाँथ वाले ऑक्टोपस बाबा खेल में हुए महान,
खेल खेल ही में दिल्ली का बढ़ जाएगा विश्व में मान.

खेल में खुल जाए ना पोल, धनवर्षा होती चहुँओर,
मंहगाई-मंहगाई खेल में जनता बस करती है शोर.

'शिशु' ने ठाना है इस खेल में तोता देसी पालूंगा,
गाँव जा रहा अगले हफ्ते वहीं गाँव से ला लूँगा.

2 comments:

Vinay said...

wah ji kyaa baat hai

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

शिशुपाल जी,
आरजू चाँद सी निखर जाए।
ज़िदगी रौशनी से भर जाए।
बारिशें हो वहाँ पे खुशियों की
जिस तरफ आपकी नज़र जाए।

जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ।
--------
पॉल बाबा की जादुई शक्ति के राज़।
सावधान, आपकी प्रोफाइल आपके कमेंट्स खा रही है।

Popular Posts

लिपट रहे जो लभेरे की तरह हैं.

 रंग हमारा हरेरे की तरह है. तुमने समझा इसे अँधेरे की तरह है. करतूतें उनकी उजागर हो गई हैं, लिपट रहे जो लभेरे की तरह हैं. ज़िंदगी अस्त व्यस्त ...