Friday, October 25, 2013

हे प्याज देवता! आओ बाज! कितना हमें रुलाओगे?

हे प्याज देवता! आओ बाज!
कितना हमें रुलाओगे?
पहले तुमको छीला करते तब आंसू थे आते
अब तो देव देखकर तुमको ही आंसू आ जाते
कितने दाम बढ़ाओगे।
अब कितना हमें रुलाओगे?

हे प्याज देवता! आओ बाज!
अब कितना हमें रुलाओगे?

रुखी-सूखी रोटी-प्याज ही गरीब हैं खाते,
कभी-कभी तो बिना ही खाये सब-के-सब सो जाते
कब तक तुम तरसाओगे,
अब कितना हमे रुलाओगे।

हे प्याज देवता! आओ बाज!
अब कितना हमें रुलाओगे?

देव आपके चक्कर में हैं नेता चांदी काट रहे
जितने हैं बिचौलिये सारे धन आपस में बांट रहे
पर आप नहीं कुछ पाओगे।
अब कितना हमें रुलाओगे?

हे प्याज देवता! आओ बाज!
अब कितना हमें रुलाओगे?

धनिया, मिरच, टमामट, आलू अपना ताव दिखाते हैं
सभी आपके ही चक्कर में हमको देव सताते हैं
क्या ये सरकार गिराओगे?
या फिर ऐसे हमें रूलाओगे।

हे प्याज देवता! आओ बाज!
अब कितना हमें रुलाओगे?

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