जुबाँ-जुबाँ पर मोहब्बत की बात आए,
तो कोई बात बने।
या ख़ुदा हर मज़हब इसमें साथ आए,
तो कोई बात बने।
चकाचौंध आँखों के लिए अच्छी नहीं,
दिन जैसी रोशनी वाली कभी रात आए,
तो कोई बात बने।
लड़ाई शौक़ है तो इस शौक़ को जिंदा रखें,
लड़ना बुराई से है दोस्तों! हमारे साथ आएं,
तो कोई बात बने।
सफ़ेद पोश आस्तीनों में छिपे बैठे हैं,
सुकूँ मिले कमबख्त क़ानून के हाथ आएं,
तो कोई बात बने।
ग़ैरों के तोड़ने पर आमादा हैं 'शिशु',
ख़ुदा करे उनके भी बत्तीसों दाँत आएं,
तो कोई बात बने।😊
©शिशु #नज़र_नज़र_का_फ़ेर
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