Friday, May 7, 2010

हैं भ्रष्ट कौन विभाग? जिसमें घूस ली जाती नहीं!

हैं भ्रष्ट कौन विभाग? जिसमें घूस ली जाती नहीं,
गिनकर कहूं क्या आपसे, हैं गिनतियाँ आती नहीं.
चाचा कहीं मामा कहीं जो घुस गए विभाग में,
खुद साध के हित बोलते, यह विभाग जाए आग में.

यह बात दीगर है कि कुछ तो दिनदहाड़े लूटते, 
हैं कुछ विभाग जोकि बन मधुमक्खियाँ बन टूटते.  
हाँ नौकरी के नाम पर तो घूस ली जाती कहीं, 
पर उच्च शिक्षा नाम पर तो घूस ली जाती वहीं,  

ऐसे भी कुछ विभाग हैं जो घूस लेते शान से,
कुछ बाँट तो हिस्सा भी लेते मंदिरों के दान से.
रिश्वत बिना अब मंदिरों में काम चलता हैं नहीं, 
दर्शन अगर चाहो तुरत कम दाम चलता हैं नहीं. 

रेल या फिर खेल या फिर शैक्षणिक संस्थान हो,
घूस चलती हर जगह फिर कोई भी स्थान हो.
रेल में विकलांग डिब्बा घूस का पर्याय है,
आम आदमी चढ़ गया तो घूस फिर अनिवार्य है.

पुलिस हो या हो मिलेटरी, है रिश्वतों के जाल में, 
अब देश सेवा हो रही है आज ऐसे हाल में.
है जेल में भी घूस का अपना ठिकाना जान लो, 
माचिस नहीं बीडीं नहीं सेलफोन मिलता मान लो. 

स्कूल के बाबू बड़े जो हैं वजीफ़ा बांटते,
यदि घूस दी उनको नहीं तो जोर से हैं डाँटते.
न्यायालयों की बात करना तो बड़ा अपराध है, 
कुछ एक को तुम छोड़ दो बाकी सभी अपवाद हैं. 

यदि चाहते गरीब बनना घूस कुछ दे दीजिये,
सरकार सुविधा दे रही जो, वो मुफ्त में ले लीजिये.   
साठसाला हों, भले विकलांग, विधवा हो कोई,
चाहते पेंशन अगर तो घूस दे, ले लीजिये.

है नाम भी उसका अलग सुविधा शुल्क कुछ बोलते, 
जब तक न दोगे दाम पूरा भेद ना वो खोलते. 
कुछ चाय-पानी हो अभी वे बोलते बेशर्म हैं, 
कुछ दीजिये दिल खोलकर अब घूस लेना धर्म है. 

यदि काम करवाना अभी तो जेब खाली कीजिये,
जजमान हो मेहमान तुम उपहार कुछ दे दीजिये.
हमको जरूरत हैं नहीं भगवान् ने सबकुछ दिया, 
बच्चे के डोनेशन की फीस बस आप ही भर दीजिये.

अब लिख नहीं सकता 'शिशु' है घूस की माया बड़ी, 
यह लेखनी भी घूस लिखकर घूस लेने पर अड़ी.
अब आप ही बतलाइये कुछ तो जुगत लगाइए, 
हो घूस देना बंद कैसे लिखकर हमें समझाइये. 

1 comment:

Rajeev Nandan Dwivedi kahdoji said...

ये लीजिए आप भी ब्लॉगर ही निकले !!
आज पता चला. :)
और ये भी कि आप बहुत पुराने धुरंधर हैं,
बहुते बड़े वाले.....लिखाड़ी हैं जी !!
अब तो आपको भी पढ़ना पड़ेगा.
ऊ हो दिल खोल के. :)

Popular Posts

Modern ideology

I can confidently say that religion has never been an issue in our village. Over the past 10 years, however, there have been a few changes...