एक परमानेंट प्रेगनेंट औरत से जब नहीं गया रहा,
तो उसने भगवान् से कर-जोड़ कर कहा-
भगवान् मुझे अब और बच्चे नहीं चाहिए,
बच्चे भगवान् की देन हैं कहने वाले इस अत्याचारी-
झूठे इंसान से मुझे बचाइए.
यह सुन उसका शौहर बोला,
बोला क्या एक रहष्य खोला-
या ख़ुदा इसमें मेरा कोई नहीं है दोष
सरकारी योजना की जानकारी मुझे देर से मिली
इसीलिये मुझे खुद भी तो है बहुत रोष.
ख़ुदा की क़सम मैं आपसे सच-सच बताऊंगा
आप तो ख़ुदा हैं आपसे भला मैं क्या छुपाऊंगा
आप तो जानते हैं कि मेरी इस कमाई में
परिवार नियोजन प्रसाधन कैसा आ पायेगा,
जबकि नरेगा की कमाई तो प्रधान का भाई खुद उठाएगा...2
और हाँ! अभी कल की ही बात है
डाक्टर ने मुफ़्त सलाह के नाम पर
मुफ़्त सब्जी ले ली,
और बोले ये सुविधा ही तुझे
मुफ़्त में परिवार नियोजन की सुविधा दिलाएगा
और अगर नहीं माना तो फिर
पहले की तरह पछतायेगा....
यह सुन उस परमानेंट प्रेगनेंट औरत ने कहा-
भगवान् मेरे पति को बचाइए,
और आशीर्वाद स्वरुप मुझे चार बच्चे और चाहिए
सुना है सरकार-
अस्पताल में बच्चे पैदा करने वाली माओं को
पैसे देती है,
मुझे भी सरकार से मुफ़्त में पैसे दिलवाइये...
Wednesday, July 21, 2010
गांधी जी के देश में, नेता जी के वेश में , हो रहा हल्ला-गुल्ला, मिला नहीं हमको रसगुल्ला...
गांधी जी के देश में,
नेता जी के वेश में ,
हो रहा हल्ला-गुल्ला
मिला नहीं हमको रसगुल्ला...
भ्रष्टाचार जवान हैं,
मंहगाई का मान है,
इससे तौबा वल्ला-वल्ला..
मिला नहीं हमको रसगुल्ला...
नेता जी के वेश में ,
हो रहा हल्ला-गुल्ला
मिला नहीं हमको रसगुल्ला...
भ्रष्टाचार जवान हैं,
मंहगाई का मान है,
इससे तौबा वल्ला-वल्ला..
मिला नहीं हमको रसगुल्ला...
जाति धर्म के नाम से
मिलते वोट हैं दाम से
कहते शान से शम्सुल्ला
मिला नहीं हमको रसगुल्ला...
होती दुर्घटना है रोज
क्यूँ होती ये होती खोज
मिला नहीं हमको रसगुल्ला...
रिश्वत लेते हैं कुछ जज
जाते काशी, काबा हज
करके खाली 'शिशु' का गल्ला
मिला नहीं हमको रसगुल्ला...
रिश्वत लेते हैं कुछ जज
जाते काशी, काबा हज
करके खाली 'शिशु' का गल्ला
मिला नहीं हमको रसगुल्ला...
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