है कितना बेदर्द जमाना, लोग सभी बेगाने हैं,
कुछ अपने ऐसे हैं जैसे हनी सिंह के गाने हैं।।
हिट होते वो लोग भी ऐसे जैसे नए तराने हैं,
गद्य में योयो हनी घुसा है पद्य के नहीं ठिकाने हैं।।
मंडराते हैं आसमान में जैसे उड़ता हो कोई गिद्ध,
सबसे बड़े हितैषी बनते, अपने को करते हैं सिद्ध।।
देख हकीकत इसकी-उसकी आँखे रह गयी दंग।
'शिशु' अकेले चलो डगर पर अपने कोई न संग।।
कुछ अपने ऐसे हैं जैसे हनी सिंह के गाने हैं।।
हिट होते वो लोग भी ऐसे जैसे नए तराने हैं,
गद्य में योयो हनी घुसा है पद्य के नहीं ठिकाने हैं।।
मंडराते हैं आसमान में जैसे उड़ता हो कोई गिद्ध,
सबसे बड़े हितैषी बनते, अपने को करते हैं सिद्ध।।
देख हकीकत इसकी-उसकी आँखे रह गयी दंग।
'शिशु' अकेले चलो डगर पर अपने कोई न संग।।