Monday, July 9, 2018

ख्वाबों पर बंदिश लगा जीना हराम करते हैं

ख्वाबों पर बंदिश लगा जीना हराम करते हैं,
अब ऐसे शख़्स को ही लोग सलाम करते हैं।

जो देते हैं फ़िरक़ा परस्ती को अंजाम 'शिशु',
ऐसे लोगों को हम दूर से ही राम राम करते हैं।

उनको ही वेतन कम मिलता है कार्यालय में,
जो व्यक्ति वास्तव में अधिक काम करते हैं।

जिन माँ-बाप ने मेहनत से पढ़ाया है बच्चों को,
उनके बच्चे ही असल में उनका नाम करते हैं।

मँहगाई है बोलकर सत्ता में आये थे जो कभी,
अब आये दिन चीजों के महंगे दाम करते हैं।।

चार सहेलियाँ

पहली सखी बोली सुनो जी सखियों तुम,
मेरे पति मुझको प्रणाम करते हैं!
दूसरी ने पहले से कहा बड़ी जोर से,
मेरे पति सारे घर का काम करते हैं!
तीसरी ने चौथी को फ़िर आँख से इशारा किया,
मुफ़्त में ये दोनों बदनाम करती हैं.
मैंने इनकी देख ली पिटाई एक दिन सखी,
अब तक दोनों राम-राम करती हैं...

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