जीवन-मरण, भाग्य और कर्म,
सब कुछ उसके हाथ.
शोर-शराबा मत कर बन्दे,
क्या जायेगा साथ.
गीता में भगवान कृष्ण ने
अर्जुन को उपदेश दिया
एंडरसन का था कुछ दोष,
अब अर्जुन ने सन्देश दिया.
युद्ध भूमि में ज्ञान बांटकर
कृष्ण हुए थे और महान.
अर्जुन सिंह का उसी तरह ही
कांग्रेस में बढ़ गया है मान
कौरव दल भाजपा बनी अब
शकुनी बन मीडिया है आई,
कितने मरे अपाहिज कितने
ख़बरे रोज-रोज दिखलाई.
सीसे के घर जिनके ज़ानी
वो भी पत्थर फेंक रहे
इस भयभीत कांड पर देखो
रोटी सब दल सेंक रहे
मंदिर-मस्जिद के मुद्दे पर
मरने वाले हुए शहीद
दंगे जिसने भी करवाए
वो गा रहे गैस के गीत
मनमोहन जी ने फरमाया
गीता लिख मुझको दिखलाओ
पन्दरह दिन का समय मिला है
मंत्री जी सच-सच बतलाओ
'शिशु' ने देखी जिस दिन से
ये तस्वीर निराली सी
रात-रात ना सोया तब से
बीतीं रातें काली सी
Thursday, June 17, 2010
Tuesday, June 15, 2010
बाबा ने फिरसे दिखलाई अपनी कुछ करतूत
बाबा ने फिरसे दिखलाई अपनी कुछ करतूत,
भोली-भली जनता फंस रही, गए सयाने छूट.
बाबा धर्माचारी है ये, अग्नि परीक्षा पास हुए,
नए-पुराने भक्त आजसे पक्के उनके दास हुए.
ग्लैमर का भी बाबा जी पर ऐसा चढ़ा बुखार,
जितने भी खबरी चैनल हैं उनका करें प्रचार.
बाबाजी की चेली बाबा का करती गुणगान
इंग्लिश बोले फर्राटे से प्रेस में करती मान
'शिशु' कहें अब बाबा बनने में ही यार भलाई है,
बाबा बन खाओ फलफ्रूट दूध में बहुत मलाई है.
भोली-भली जनता फंस रही, गए सयाने छूट.
बाबा धर्माचारी है ये, अग्नि परीक्षा पास हुए,
नए-पुराने भक्त आजसे पक्के उनके दास हुए.
ग्लैमर का भी बाबा जी पर ऐसा चढ़ा बुखार,
जितने भी खबरी चैनल हैं उनका करें प्रचार.
बाबाजी की चेली बाबा का करती गुणगान
इंग्लिश बोले फर्राटे से प्रेस में करती मान
'शिशु' कहें अब बाबा बनने में ही यार भलाई है,
बाबा बन खाओ फलफ्रूट दूध में बहुत मलाई है.
जो न हँसे उसको ले लटकाओ सूली पर..
रहो सदा संतुष्ट घोर वर्षा कि धूप में,
गर्मी हो या शीत, लालिमा रखना मुख पर.
नफ़रत मुझको कमजोरी और पीतवर्ण से,
जो न हँसे उसको ले लटकाओ सूली पर..
- प्लेखानव (रूस के क्रांतिकारी कवि)
गर्मी हो या शीत, लालिमा रखना मुख पर.
नफ़रत मुझको कमजोरी और पीतवर्ण से,
जो न हँसे उसको ले लटकाओ सूली पर..
- प्लेखानव (रूस के क्रांतिकारी कवि)
गांधी जी के देश में सब एंडरसन का जाप करो...
एंडरसन मुद्दे पर कांग्रेस के प्रणव मुखर्जी का बयान -
भूल हुयी थी भूल से जी भूल-चूक माफ़ करो,
गांधी जी के देश में सब एंडरसन का जाप करो...
शील दीक्षित दिल्ली में कामनवेल्थ गेम-
अभी नहीं तो कभी नहीं फिर हो पायेंगे खेल,
शादी मत कर अब खेलकूद में ना माना तो जेल.. .
नरेन्द्र मोदी एंडरसन मुद्दे पर-
हुए गोधरा में दंगे जो उस पर मैं बेदाग़,
अर्जुन सिंह खुद ही बोले थे एंडरसन तू भाग...
नितीश कुमार अखबार में छपी फोटो विवाद पर-
किससे पूंछ के फोटो छापी, दोस्त हमें क्यूँ बतलाया,
माफ़ नहीं कर सकता अब मैं जबकि चुनाव पास आया...
तलाक के जल्दी निपटारे पर-
अब तलाक होगा आसान, सुन खुश भाए वे नरनारी,
जिनको लेना था तलाक या जिनने की थी तैयारी...
भूल हुयी थी भूल से जी भूल-चूक माफ़ करो,
गांधी जी के देश में सब एंडरसन का जाप करो...
शील दीक्षित दिल्ली में कामनवेल्थ गेम-
अभी नहीं तो कभी नहीं फिर हो पायेंगे खेल,
शादी मत कर अब खेलकूद में ना माना तो जेल.. .
नरेन्द्र मोदी एंडरसन मुद्दे पर-
हुए गोधरा में दंगे जो उस पर मैं बेदाग़,
अर्जुन सिंह खुद ही बोले थे एंडरसन तू भाग...
नितीश कुमार अखबार में छपी फोटो विवाद पर-
किससे पूंछ के फोटो छापी, दोस्त हमें क्यूँ बतलाया,
माफ़ नहीं कर सकता अब मैं जबकि चुनाव पास आया...
तलाक के जल्दी निपटारे पर-
अब तलाक होगा आसान, सुन खुश भाए वे नरनारी,
जिनको लेना था तलाक या जिनने की थी तैयारी...
Monday, June 14, 2010
हम दोनों ने रिश्वत दी थी तभी नौकरी पाए.
मैं भी कोटे में आता हूँ, तू भी कोटे में आता,
मैं भी रिश्वत हूँ खाता, तू भी रिश्वत है खाता.
रिश्वत देकर दसवीं में मैंने नंबर बढवाए,
तेरे बाबूजी भी तो सुन पैसे देकर आये.
हमदोनों ने नक़ल साथ की, तब बीए. में आये,
और हम दोनों ने रिश्वत दी थी तभी नौकरी पाए.
रिश्वत देकर मिली नौकरी, रिश्वत की करता पूजा,
बातें रिश्वत की ही करता काम नहीं करता दूजा.
तूने भी पक्का मकान इस रिश्वत से बनवाया,
दो ही साल हुए हैं तुझको एसी कार तू लाया
तूने शादी की तो दहेज़ में एसी कार है पायी
मेरी बीबी भी दहेज़ में पांच लाख घर लायी
इसीलिये अबसे हमदोनों कोटे की बात उठाएंगे
अगर उठाई बात नहीं तो बच्चे ना पढ़ पायेंगे.
मैं भी रिश्वत हूँ खाता, तू भी रिश्वत है खाता.
रिश्वत देकर दसवीं में मैंने नंबर बढवाए,
तेरे बाबूजी भी तो सुन पैसे देकर आये.
हमदोनों ने नक़ल साथ की, तब बीए. में आये,
और हम दोनों ने रिश्वत दी थी तभी नौकरी पाए.
रिश्वत देकर मिली नौकरी, रिश्वत की करता पूजा,
बातें रिश्वत की ही करता काम नहीं करता दूजा.
तूने भी पक्का मकान इस रिश्वत से बनवाया,
दो ही साल हुए हैं तुझको एसी कार तू लाया
तूने शादी की तो दहेज़ में एसी कार है पायी
मेरी बीबी भी दहेज़ में पांच लाख घर लायी
इसीलिये अबसे हमदोनों कोटे की बात उठाएंगे
अगर उठाई बात नहीं तो बच्चे ना पढ़ पायेंगे.
Subscribe to:
Posts (Atom)
Popular Posts
-
नौकरी के नौ काम दसवां काम हाँ हजूरी फिर भी मिलती नही मजूरी पूरी मिलती नही मजूरी जीना भी तो बहुत जरूरी इसीलिये कहते हैं भइया कम करो बस यही जर...
-
हमने स्कूल के दिनों में एक दोहा पढ़ा था। जो इस प्रकार था- धन यदि गया, गया नहीं कुछ भी, स्वास्थ्य गये कुछ जाता है सदाचार यदि गया मनुज का सब कु...
-
भाँग, धतूरा, गाँजा है, माचिस, बीड़ी-बंडल भी। चिलम, जटाएँ, डमरू है, कर में लिए कमंडल भी।। गंगाजल की चाहत में क्यूँ होते हलकान 'शिश...
-
एक परमानेंट प्रेगनेंट औरत से जब नहीं गया रहा, तो उसने भगवान् से कर-जोड़ कर कहा- भगवान् मुझे अब और बच्चे नहीं चाहिए, बच्चे भगवान् की देन ह...
-
तुम कहते हो, तुम्हारा कोई दुश्मन नहीं है, अफसोस? मेरे दोस्त, इस शेखी में दम नहीं है जो शामिल होता है फर्ज की लड़ाई मे, जिस बहादुर लड़ते ही हैं...
-
क्या गजब का देश है यह क्या गजब का देश है! बिन अदालत औ मुवक्किल के मुकदमा पेश है!! आँख में दरिया है सबके दिल में है सबके पहाड़ आदमी भूगो...
-
पाला पड़ा गपोड़ों से। डर लग रहा थपेड़ों से।। अर्थव्यवस्था पटरी पर आई चाय पकौड़ों से। बच्चे बिलखें कलुआ के, राहत बँटी करोड़ों से। जी...
-
I can confidently say that religion has never been an issue in our village. Over the past 10 years, however, there have been a few changes...
-
जिला हरदोई से डाभा गाँव जाने के लिए बस के बाद ऑटो करना पड़ता है. इस गाँव के निवासी उम्दा कहानीकार के साथ ही साथ कहावतें, किदवंक्तियाँ, कही-स...
-
रंग हमारा हरेरे की तरह है. तुमने समझा इसे अँधेरे की तरह है. करतूतें उनकी उजागर हो गई हैं, लिपट रहे जो लभेरे की तरह हैं. ज़िंदगी अस्त व्यस्त ...
Modern ideology
I can confidently say that religion has never been an issue in our village. Over the past 10 years, however, there have been a few changes...
-
नौकरी के नौ काम दसवां काम हाँ हजूरी फिर भी मिलती नही मजूरी पूरी मिलती नही मजूरी जीना भी तो बहुत जरूरी इसीलिये कहते हैं भइया कम करो बस यही जर...
-
हमने स्कूल के दिनों में एक दोहा पढ़ा था। जो इस प्रकार था- धन यदि गया, गया नहीं कुछ भी, स्वास्थ्य गये कुछ जाता है सदाचार यदि गया मनुज का सब कु...
-
भाँग, धतूरा, गाँजा है, माचिस, बीड़ी-बंडल भी। चिलम, जटाएँ, डमरू है, कर में लिए कमंडल भी।। गंगाजल की चाहत में क्यूँ होते हलकान 'शिश...