होते कौन महान लोग हैं?
किसको लोग पूजते,
कौन लोग मेहनती कहाते?
काम से कौन जूझते।
किसकी धाक शहर में चलती?,
गाँव का होता नेता कौन,
कितना पढ़ा लिखा नेता हो?,
इस उत्तर पर क्यूँ सब मौन।
किसे भिखारी की संज्ञा दें?
किसको बोलूँ राजा,
किसकी बासी खबर बताएं?
किसकी बोलें ताज़ा।
कौन काम ऑफिस में करता,
कौन है करता फुल आराम,
किसको पैसे ज्यादा मिलते
किसको कम मिलता है दाम?
प्रश्न बहुत हैं उत्तर कम क्यूँ?
इसका भी उत्तर बतलाना,
पता लगे यदि इन प्रश्नों का
लिखकर 'शिशु' को जरा बताना।
Tuesday, January 5, 2010
Sunday, January 3, 2010
अंकल जी पर है चढ़ी नए साल की मस्ती...
अंकल जी पर है चढ़ी नए साल की मस्ती,
आंटी जी को घुमा रहे इस बस्ती* उस बस्ती,
इस बस्ती उस बस्ती उम्र का किया न कोई लिहाज़
बच्चों जैसी हरकत करते घूमें अंकल-अंटी आज
'शिशु' कहें दोस्तों नाचो-गाओ सब त्यौहार मनाओ
पर अंकल-आंटी जैसी पीने की मस्ती ना लाओ
*(बियर बार)
पार्क घूम कर आया कल मैं बीबी भी थी साथ,
लड़के-लड़की घूम रहे थे डाल हांथ में हांथ,
डाल हांथ में हांथ शर्म हम दोनों को थी आती,
लड़की कान लगा लड़के के घंटो थी बतियाती,
'शिशु कहें ये फ़िल्मी कल्चर, या प्रगति हुयी है भारी
या असभ्य से सभ्य हो गए आज के सब नर-नारी।
आंटी जी को घुमा रहे इस बस्ती* उस बस्ती,
इस बस्ती उस बस्ती उम्र का किया न कोई लिहाज़
बच्चों जैसी हरकत करते घूमें अंकल-अंटी आज
'शिशु' कहें दोस्तों नाचो-गाओ सब त्यौहार मनाओ
पर अंकल-आंटी जैसी पीने की मस्ती ना लाओ
*(बियर बार)
पार्क घूम कर आया कल मैं बीबी भी थी साथ,
लड़के-लड़की घूम रहे थे डाल हांथ में हांथ,
डाल हांथ में हांथ शर्म हम दोनों को थी आती,
लड़की कान लगा लड़के के घंटो थी बतियाती,
'शिशु कहें ये फ़िल्मी कल्चर, या प्रगति हुयी है भारी
या असभ्य से सभ्य हो गए आज के सब नर-नारी।
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