Thursday, August 19, 2010

नभ रंग वारे सो हमरे रखवारे हैं..

सीस जय गंगवारे, भूखन भुजंगवारे,
गौरी अर्धांगवारे, चंद दुतवारे हैं.
वृखाम तुरंगवारे, मरदन अनंगवारे,
अंड-बंग वृंगवारे, मुंडलाल धारे हैं.
महा मतवारे ज्यों दाता हैं अभंगवारे,
भूतन से संग वारे, नैन रतनारे हैं.
तान के तरंगवारे, डमरू अपंगवारे,
नभ रंग वारे सो हमरे रखवारे हैं.

बात का कच्चा भंडुआ, नेद की कच्ची छिनारी..

जय बजरंग बली धजाधारी,
कसो लंगोट, उठाओ गदाभारी
खबर लो हमारी, सरन तिहारी
लंगोट का पक्का मर्द, औ सत की पक्की नारी
बात का कच्चा भंडुआ, नेद की कच्ची छिनारी.. 
जय बजरंग बली धजाधारी....
(शिवपूजन सहाय)

Wednesday, August 18, 2010

कश्मीरी जनता है किसकी? कौन है उनका भाग्य-विधाता?

कश्मीरी जनता है किसकी?
कौन है उनका भाग्य-विधाता?
प्रथ्वी के इस स्वर्गलोक का
कौन है उनका असली दाता?

हिन्दुस्तान सदा से कहता,
हाथ से जाने नहीं कश्मीर देंगे.
पाक भी आए दिन रटता है,
छीन भारत से हम कश्मीर लेंगे. 

आये दिन वार्ता होती पर
अब तक मसला वैसा ही है.
नेहरू-जिन्ना ने छोड़ा था
जैसे का तैसा ही है.

दंगे होते हैं आये दिन,
मरती जनता अमन के नाम
अपनी-अपनी बयानबाजी,
भारत पाक से करते काम

अब तक कितने मंत्री आये,
बोले मसला सुलझेगा
पर न किसी ने है ये माना,
मसला और ही उलझेगा

क्या जनता कश्मीर की चाहे,
अब तक जान सका ना कोई
नेता सब कश्मीर के वैसे,
खुद का भला करें वो ही

'शिशु' दोस्तों क्या बोलूँ मैं,
खुद भी हूँ लाचार बड़ा.
गया नहीं कश्मीर आजतक,
पर जनता से प्यार बड़ा.

हाय! आज भी इंग्लिश बोली हिन्दी भाषी को गरियाती..

हाय! आज भी इंग्लिश बोली
हिन्दी भाषी को गरियाती.
क्या होगा उस समय हाल
जब इंग्लिश ही बोली जाती.

हिन्दी भाषी गार्ड बेचारा,
रोज ही डांटा जाता 
एस, नो, थैंक यू मैडम ही 
वह केवल बोल है पाता

इंग्लिश बोली वाली मैडम
सबको देखो देती डांट
इंग्लिश बोल दूसरों को
अपना काम देती है बाँट

'व्हाट टू डू', 'व्हाट' सप'   
जैसे ज्यादा वाक्य बोलती
दूजा कितना ही अच्छा हो
उसका भेद खोलती

एक दिन 'शिशु' को भी उसने
इंग्लिश में ऐसा डांटा
जैसे बच्चे को मास्टर ने
कान पे मारा चांटा

Monday, August 16, 2010

कदर ना मेरी कदर ना तेरी कदर मिली बेअक्लों को

कदर ना मेरी कदर ना तेरी
कदर मिली बेअक्लों को
हमने जिनकी कदर खूब की
उन्हें रास ना हमशक्लों को

हमने उनका मान बढाया
इज्ज़त दी भरपूर,
उसने ऐसा काम किया कुछ
इज्ज़त हुयी कफूर

सच्ची हंसी हमारी होती
वादे भी होते पक्के
उसने पता नहीं क्या कर दिया
रह गए सब हक्के-बक्के

हमने काम किया था ज्यादा
दाम मिला पर आधा
उसने धेले भर के काम का
दाम लिया पर ज्यादा

'शिशु' चूतिया और गधे भी
हमी दोस्त कहलाये
उसने उलटे-सीधे काम से
धन-सम्मान हैं पाए

Sunday, August 15, 2010

हम भ्रष्टाचारी हैं यारों कहते सीना तान के

हम भ्रष्टाचारी हैं यारों कहते सीना तान के
जेल जायेंगे वंहा रहेंगे अपना घर सा मान के
भ्रष्टाचारी हम..हम ना किसी से कम...

खेल खेल में जेब भर गयी, रेल में भर्ष्टाचार है
भैंस का चारा हमने खाया हमको उससे प्यार है
सैनिक के ताबूत से पैसा हमने बहुत कमाया है
हमने ही चीनी से यारों पैसा बहुत बनाया है..
भ्रष्टाचारी हम. हम न किसी से कम......

हम भ्रष्टाचारी हैं यारों कहते सीना तान के
जेल जायेंगे वंहा रहेंगे अपना घर सा मान के
भ्रष्टाचारी हम..हम ना किसी से कम...

रोजगार गारंटी से भी रोजगार खुद पाया है
उस पैसे से मैंने अपना राजमहल बनवाया है
अम्मा बाबा को भी मैंने तीर्थ प्रयाग कराया है
और पार्टी फंड में मैंने पैसा जमा कराया है
भ्रष्टाचारी हम. हम न किसी से कम......

हम भ्रष्टाचारी हैं यारों कहते सीना तान के
जेल जायेंगे वंहा रहेंगे अपना घर सा मान के
भ्रष्टाचारी हम..हम ना किसी से कम...

पांच साल तक ना कोई डर है, अच्छा समय हमारा है
फिर चुनाव के समय देखना नया हमारा नारा है
मुझे वोट दिल्वाओगे तो समझो बेड़ा पार है
तू ही मेरा आँख का तारा मुझको तुझसे प्यार है
भ्रष्टाचारी हम. हम न किसी से कम......

हम भ्रष्टाचारी हैं यारों कहते सीना तान के
जेल जायेंगे वंहा रहेंगे अपना घर सा मान के
भ्रष्टाचारी हम..हम ना किसी से कम...

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