Thursday, February 12, 2009

जो दिल में घाव करे गहरे उसको ही प्यारा कहते हैं

हंसी-हंसी में दिल को लगाया रोने वाली बातों को।
क्या बतलायें कैसे झेला उन अंधेरी रातों को।।

जबसे तूने प्यार के बदले कीमत देनी चाही है।
तबसे हमने ठान लिया तेरे आने की मनाही है।।

जो प्यार करे इस दुनिया में उसको आवारा कहते हैं।
जो दिल में घाव करे गहरे उसको ही प्यारा कहते हैं।।

मनचलों को मनमाना कहते, मनचला नहीं, तो प्यार करें।
जो प्यार करे सच्चा-सच्चा, उस पर ना वो इतबार करें।।

रोने वालों को लोग कहें, दुख इसके बहुत बड़े होंगे।
जो हंस कर कष्ट छिपाते हैं वो उनसे बहुत बड़े होंगे।

बेवफ़ा यहां पर हर कोई, ये बात अलग बतलाये ना।
है सच्चा जो बतलाये ये, जो झूठी कसमें खाये ना।

क्या 'शिशु' कभी झूठा होगा ये आज तुम्हें बतलाता है।
बतलाने से पहले यारों खुद झूठी कसमें खाता है।

अब यार रहे ना याराना, अब हीर नहीं कोई रांझा
अब प्यार भी चलता है वैसे जैसे धंधों में है साझा

1 comment:

रंजना said...

Waah !! Bahut khoob ! Sundar rachna.

Popular Posts

Modern ideology

I can confidently say that religion has never been an issue in our village. Over the past 10 years, however, there have been a few changes...