कुत्ता कुत्ते से बोला ये, क्यूँ लड़ता मेरे भाई,
लड़ता देख हम दोनों को बिल्ली चट कर गयी मलाई!
गधा मनुष्य को देखकर बोला मीठे बैन,
हम तो चलो गधे हैं दादा तुम हो क्यूँ बेचैन!
चिडिया घर में शेर देखकर बन्दर बोला बानी
मैं तो चलो शरारत करता तुमने क्या की थी शैतानी
देखि जीत ओबामा की माया जी थीं बोलीं
अब तक यूपी था मेरा अब दिल्ली मेरी होली
देखि गरीबी ग्राफ से प्रोग्रामर ये बोला
तुम सब बैठ के बज़ट बनाओ मैं फैलाता झोला
3 comments:
बढ़िया रोचक काव्य!
जेपी वाला जेपी वाले से बोला, हे! अब क्यूँ लड़ता मेरे भाई,
लड़ता देखकर ही हमें चोनिया बिल्ली चट कर गयी मलाई!
ज्यादा खाने के चक्कर में, अब तो न घर के रहे न घाट के,
लड़ के फायदा क्या, चुप कर बैठ, खा जो है मिल बांट के !
क्षमा करे ! कविता ऐसी होती तो कैसा रहता ?
वाह शिशु भाई कमाल कर दिया
Post a Comment