पहरेदार बड़ा बेचारा
देखा उसने नया नज़ारा
कार के पीछे कार खड़ी थी
मैडम उसपर भड़क रही थी
उसको जाकर डांट पिलाई
अपनी फिर औकात दिखायी
मैंने तुझको था लगवाया
यंहा चले है मेरी माया
तू तो है गरमी का आदी
कपड़े भी तेरे हैं खादी
मुझको गरमी बहुत सताती
सुबह-सुबह एसी चलवाती
बिन एसी के रहा न जाता
यह मौसम है रास न आता
जल्दी कर ये कार हटा
किसकी है ये साफ़ बता
पता नही मैं क्या हूँ चीज
मुझको आती कितनी खीज
पहरेदार प्यार से बोला
समझ गया मैडम हैं शोला
साहब बड़े कार हैं लाये
ऑटो से वो आज न आये
मैंने उनको था समझाया
पर उनको था समझ ना आया
जाकर उन्हें अभी हड़काता
चाभी छीन-छान कर लाता
मैडम फिर से भड़क गयी
कार के भीतर बैठ गयीं
पहले तो क्यूँ बोल न पाया
भेद ठीक से खोल ना पाया
ठहर सज़ा इसकी दिलवाती
साहब को मैं अभी बताती
उनको तू हड्कायेगा?
उनकी कार हटाएगा?
उसको दिन में दिख गया तारा
सीधा-साधा था बेचारा
देखा उसने नया नज़ारा
पहरेदार बड़ा बेचारा
देखा उसने नया नज़ारा
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Popular Posts
-
क्या गजब का देश है यह क्या गजब का देश है! बिन अदालत औ मुवक्किल के मुकदमा पेश है!! आँख में दरिया है सबके दिल में है सबके पहाड़ आदमी भूगो...
-
तुम कहते हो, तुम्हारा कोई दुश्मन नहीं है, अफसोस? मेरे दोस्त, इस शेखी में दम नहीं है जो शामिल होता है फर्ज की लड़ाई मे, जिस बहादुर लड़ते ही हैं...
-
हमने स्कूल के दिनों में एक दोहा पढ़ा था। जो इस प्रकार था- धन यदि गया, गया नहीं कुछ भी, स्वास्थ्य गये कुछ जाता है सदाचार यदि गया मनुज का सब कु...
-
जिला हरदोई से डाभा गाँव जाने के लिए बस के बाद ऑटो करना पड़ता है. इस गाँव के निवासी उम्दा कहानीकार के साथ ही साथ कहावतें, किदवंक्तियाँ, कही-स...
-
एक परमानेंट प्रेगनेंट औरत से जब नहीं गया रहा, तो उसने भगवान् से कर-जोड़ कर कहा- भगवान् मुझे अब और बच्चे नहीं चाहिए, बच्चे भगवान् की देन ह...
-
भाँग, धतूरा, गाँजा है, माचिस, बीड़ी-बंडल भी। चिलम, जटाएँ, डमरू है, कर में लिए कमंडल भी।। गंगाजल की चाहत में क्यूँ होते हलकान 'शिश...
-
इंतज़ार है पक्का शत्रु, उस पर कर न यकीन जीना शान से चाह रहे तो ख़ुद को समझ न दीन ख़ुद को समझ न दीन काम कल पर ना छोड़ो लगन से करके काम दाम फल स...
-
पाला पड़ा गपोड़ों से। डर लग रहा थपेड़ों से।। अर्थव्यवस्था पटरी पर आई चाय पकौड़ों से। बच्चे बिलखें कलुआ के, राहत बँटी करोड़ों से। जी...
-
रंग हमारा हरेरे की तरह है. तुमने समझा इसे अँधेरे की तरह है. करतूतें उनकी उजागर हो गई हैं, लिपट रहे जो लभेरे की तरह हैं. ज़िंदगी अस्त व्यस्त ...
-
नौकरी के नौ काम दसवां काम हाँ हजूरी फिर भी मिलती नही मजूरी पूरी मिलती नही मजूरी जीना भी तो बहुत जरूरी इसीलिये कहते हैं भइया कम करो बस यही जर...
Modern ideology
I can confidently say that religion has never been an issue in our village. Over the past 10 years, however, there have been a few changes...
-
क्या गजब का देश है यह क्या गजब का देश है! बिन अदालत औ मुवक्किल के मुकदमा पेश है!! आँख में दरिया है सबके दिल में है सबके पहाड़ आदमी भूगो...
-
तुम कहते हो, तुम्हारा कोई दुश्मन नहीं है, अफसोस? मेरे दोस्त, इस शेखी में दम नहीं है जो शामिल होता है फर्ज की लड़ाई मे, जिस बहादुर लड़ते ही हैं...
-
हमने स्कूल के दिनों में एक दोहा पढ़ा था। जो इस प्रकार था- धन यदि गया, गया नहीं कुछ भी, स्वास्थ्य गये कुछ जाता है सदाचार यदि गया मनुज का सब कु...
2 comments:
Aap Ka yeh sajiv chitrankan sarahniy hai. Pahredar ki Manahsththi ka bahut sunder varanan hai.
udhir
Aap Ka yeh sajiv chitrankan sarahniy hai. Pahredar ki Manahsththi ka bahut sunder varanan hai.
sudhir
Post a Comment