उन्हें बना दो गधे से घोड़ा जो है सब नालायक
उनको काम दिलादो प्रभु जी जिनको देना ब्याज
उनको भी जल्दी लगवादो जिन्हें पहनना ताज
मेरा क्या है, मैं हूँ पाजी, मुझको कुछ ना आता
खाली-पीली ऑफिस आकर केवल खाना खाता
फिर भी विनती आप से करता है ये दास
मुझे लगाना ऐसी जगह जंहा जमे विश्वास
अगर अकेला होता प्रभु जी तो करता आराम
अब माँ-बाप साथ में बीबी मुझे चाहिए काम
खान-पान, सम्मान प्रभु जी सब पैसे से आता
काम दिलादो आप 'शिशु' को आप ही सबके दाता
1 comment:
अच्छी अभिव्यक्ति। वाह।
मिल जायेंगे काम शिशु को गर मन में विश्वास।
प्रभु को फुर्सत नहीं जगत में करते रहें प्रयास।।
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