Wednesday, September 2, 2009

प्रार्थना - २ - संकट घड़ी

हे इन्टरवियू लेने वाले तुमको मेरा प्रणाम
दाम की बात बाद में होगी पहले दे दो काम

आप पूछना जो भी चाहो खुलकर सभी बताऊंगा
ज्वाइनिंग की कोई बात नही, जब कह दो आ जाऊंगा

आप सर्वज्ञाता हैं दाता समझ हमारे आया है
और आपका हँसता चेहरा भी मेरे मन भाया है

पर दो बातें दास आपसे कहता है कर जोर
धीरे से बस बात बताना नही मचाना शोर

आफिस का एक समय बता दो, दूजा कब तक काम करूँगा
जिससे कहोगे डर जाऊंगा जिससे कहोगे नही डरूंगा

अन्तिम विनती एक है साफ़-साफ़ बतलाना
मुझे रखोगे या दूजे को अभी यहीं बतलाना

1 comment:

Arshia Ali said...

Sahi kahaa, baad ka tension kaun paale.
( Treasurer-S. T. )

Popular Posts

Modern ideology

I can confidently say that religion has never been an issue in our village. Over the past 10 years, however, there have been a few changes...