Monday, February 14, 2011

लूट मची, लुट गए खेल में भारत के करदाता...

लूट मची, लुट गए खेल में भारत के करदाता,
आँख खोल के अब तो देखो भारत की भारतमाता.

ऐसा-वैसा नहीं! गज़ब का अजब हुआ घोटाला,
लुटी तिजोरी खेल गाँव में लगा रहा पर ताला.

दूध धुला जिसको समझा था वो निकला सर्वेश,
शशि थरूर ने खाता खोला पहली बार विदेश.

सब कहते कलमाडी ही है असली भ्रष्टाचारी,
'शिशु' और भी शामिल हैं कुछ इसमें खद्दरधारी.

नौकरशाह और नेता ही अब सबके हैं भाग्यविधाता
जन गण मन अधिनायक जय हे, उनकी भारतमाता

No comments:

Popular Posts

Modern ideology

I can confidently say that religion has never been an issue in our village. Over the past 10 years, however, there have been a few changes...