कुछ दिन बाद हमारे गांव में नगर पंचायत के चुनाव आने वाले हैं। अंदाजन 40 से पचास लोग चैयरमेन के लिए अपना दावा पेश करेंगे। जिनमें से लगभग 30 लोग एक ही समुदाय से होंगें, और इनमें से लगभग सभी व्यक्ति मोदी जी के पक्के भक्त हैं। हर कोई चाहेगा कि उसके पम्पलेट में मोदी जी का फोटो छपे। कुछ लोगों ने तो अभी से ही बड़े बड़े होडिंग लगा दिए हैं बाकायदा फ़ोटो के साथ। कुछ लौंडे भी मैदान में हैं। उन्होंने ने तो योगी कुर्ता भी पहनना शुरू कर दिया है। दूर से ही प्रणाम करते हैं। इनमें से अधिकतर लौंडों को मैं नाम और शक्ल दोनों से नहीं जानता। लेकिन ज़्यादातर लौंडे मुझे मेरी चाल से पहचानते हैं।
इस बार के चुनाव में भाई भतीजावाद चले ऐसा कम ही है क्योंकि जीतने वाले अधिकतर उम्मीद एक ही समुदाय से होंगे, ऐसा पान की दुकान पर सुना। खैर कोई भी जीते, लेकिन आँकड़ेबाजों की मानें तो यह चुनाव इस बार सिर फुटव्वल तक जाएगा।
कसक देखिये की, हमारे लोग (कुम्हार) आज तक मेम्बर तक का चुनाव नहीं जीते पाए। कई बार खड़े हुए मुंह की खानी पड़ी। ऐसा नही की हमारे वोट नहीं, लेकिन, वो कहते हैं न कि, राजनीति बड़ी कुत्ती चीज है इसलिए हमलोग आधे एक मुहल्ले में कर दिये जाते हैं और आधे दूसरे में।
अब हम ही वो वोटर हैं जो जीत और हार के आंकड़े बिगाड़ सकते हैं इसलिए हम पर सभी ने अभी से डोरे डालना शुरू कर दिया है।
इस बार वोट डालने जरूर जाऊंगा ताकि लाइव देख सकूं। हमारे लिए तो वो क्रिकेट मैच जैसा है। चाय के साथ पकौड़े खाऊंगा और चटकारे लेकर खबरों पर ठठ्ठा लगाऊंगा।
चुनाव के बाद एक लंबा लेख लिखूँगा, रिसर्च पर अभी से कार्य चल रहा है। इसलिए रिसर्च वालिंटियर की आवश्यकता है।
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