ख्वाबों पर बंदिश लगा जीना हराम करते हैं,
अब ऐसे शख़्स को ही लोग सलाम करते हैं।
जो देते हैं फ़िरक़ा परस्ती को अंजाम 'शिशु',
ऐसे लोगों को हम दूर से ही राम राम करते हैं।
उनको ही वेतन कम मिलता है कार्यालय में,
जो व्यक्ति वास्तव में अधिक काम करते हैं।
जिन माँ-बाप ने मेहनत से पढ़ाया है बच्चों को,
उनके बच्चे ही असल में उनका नाम करते हैं।
मँहगाई है बोलकर सत्ता में आये थे जो कभी,
अब आये दिन चीजों के महंगे दाम करते हैं।।
No comments:
Post a Comment