व्यर्थ क्या, अव्यर्थ क्या है?
क्यों जिए,
क्यों मरे,
नैन थे,
भरे-भरे...
बात जब
पता चली,
रुठकर
ख़ता चली-
पूछने सवाल सबसे/
ज़िंदगी का अर्थ क्या है?
व्यर्थ क्या, अव्यर्थ क्या है...
I can confidently say that religion has never been an issue in our village. Over the past 10 years, however, there have been a few changes...
No comments:
Post a Comment