थक गया हूँ मैं पता कर, पता कर।
'अक़्ल गई चरने' हमको सताकर।।
तेरे मुहल्ले में यदि सीसीटीवी लगे हैं,
तो मेरे मुहल्ले में आकर ख़ता कर!
हल्की-सी-आहट से काँप जाता हूँ मैं,
दरवाज़ा-खटखटाना दोस्त बताकर!
आती हैं हिचकियाँ, कुछ रहम कर,
इतना भी न मिरा नाम रटा कर।
जाले हटा दिए हैं सियासत के मैनें,
मेरी पोस्ट पढ़ो तुम 'चश्मा हटा कर'!
#नज़र_नज़र_का_फ़ेर #शिशु
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