लूट मची है चारों ओर, मंहगाई-मंहगाई शोर,
जमाखोर भी खुद चिल्लाते बहुत बुरा है अब का दौर।
कहती है सरकार जमाखोरों पर कसा शिकंजा,
जमाखोर बेखौप बोलते हम पर नेताजी का पंजा।
केंद्र कहे ये राज्य का मसला, उनको देना होगा ध्यान,
कहें राज्य सरकार करूँ क्या केंद्र में बैठे हैं अज्ञान।
मंत्री बोले हाँ मंहगाई कुछ - कुछ नज़र हमें आयी
लेकिन अखबारों ने देखो जनता को बढ़कर बतलाई।
आम आदमी कब कहता है सस्ता युग अब है आया।
'शिशु' कहें जो गुजर गए पल वो केवल ही है भाया।
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1 comment:
जमाखोर भी खुद चिल्लाते बहुत बुरा है अब का दौर।
appritiatable..
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