भैंस बेंच कर चमरौधा में पी गए चाचा दारू,
फिर बाद में खेली होली।
चाची जी को पता लगा तब कड़वे बैन वो बोलीं-
बोलीं, उल्लू, गाँव में चली गयी गोली-
तुम खेलति हो होली!!
सुनकर इतना आग बबूला, बन गए चाचा चोर,
जेवर घर से चोरी हो गया घर में मच गया शॊर....
भांग का नशा निराला, अब घर का निकल गया दीवाला ...
पहले पी थी देशी दारू, अब पी गए अंगरेजी,
उसके ऊपर भांग खा गए, बोले मै हूँ क्रेजी-
घर बिक जाए, खेत हो गिरवीं, या हो जाऊं कंगाल,
हो जाए बदनाम नाम ये कुछ भी नहीं मलाल।।।
बस होली में गाल रहें ये लाल....
सही लिखते हैं जी शिशुपाल ....
हमारे गाल रहें ये लाल।।
फिर बाद में खेली होली।
चाची जी को पता लगा तब कड़वे बैन वो बोलीं-
बोलीं, उल्लू, गाँव में चली गयी गोली-
तुम खेलति हो होली!!
सुनकर इतना आग बबूला, बन गए चाचा चोर,
जेवर घर से चोरी हो गया घर में मच गया शॊर....
भांग का नशा निराला, अब घर का निकल गया दीवाला ...
पहले पी थी देशी दारू, अब पी गए अंगरेजी,
उसके ऊपर भांग खा गए, बोले मै हूँ क्रेजी-
घर बिक जाए, खेत हो गिरवीं, या हो जाऊं कंगाल,
हो जाए बदनाम नाम ये कुछ भी नहीं मलाल।।।
बस होली में गाल रहें ये लाल....
सही लिखते हैं जी शिशुपाल ....
हमारे गाल रहें ये लाल।।
1 comment:
नव संवत्सर की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ!!
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