बिन चूने का पान चबाकर चौबे बाबा बोले।
बचा-खुचा भी ऐसे बीते जय शिवशम्भू भोले।
बचा-खुचा भी ऐसे बीते जय शिवशम्भू भोले।
लौडे चक्कर लगा रहे हैं सभी पान के खोखा।
घरवालों को चकमा देकर दुकानदार को धोखा।।
घरवालों को चकमा देकर दुकानदार को धोखा।।
चूना कम कत्था है ज्यादा, खाकर बोले कोके,
उधरा पूरा मिल जायेगा, हमका काहे हो रोके।
उधरा पूरा मिल जायेगा, हमका काहे हो रोके।
खाके मीठा पान, पिचकारी थूक की छोड़ी।
घुमि रहे हैं गॉव में शोहदा हंसी हँसे हैं भोंडी।।
घुमि रहे हैं गॉव में शोहदा हंसी हँसे हैं भोंडी।।
'शिशु' पान के ऐसे हैं अजब अनोखे किस्से।
लिखते रहो दोस्तों इसमें अपने भी हिस्से।।
लिखते रहो दोस्तों इसमें अपने भी हिस्से।।
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