'शिशु' गुजरी है वो गुजर गयी,
अब अमन चमन में बना रहे।
अब अमन चमन में बना रहे।
वो चले गए ग़म बहुत भरा,
दिल प्यार में उसके सना रहे।
दिल प्यार में उसके सना रहे।
पतझड़ में पत्ते गिरते हैं,
पर जड़ के साथ में तना रहे।
पर जड़ के साथ में तना रहे।
अब जीत गए तब कहते हैं,
मंहगाई का पेड़ ये घना रहे।
मंहगाई का पेड़ ये घना रहे।
उनको समझा था नेक हैं दिल,
वो सांप अभी फन फना रहे।
वो सांप अभी फन फना रहे।
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