Saturday, September 28, 2019

पिछली सरकार

धोखे  से  कुछ  बात  बन  गई, तब 'हुजूर' हक़दार।
और  ग़लत  हो  जाने  पर  तब ' पिछली  सरकार'।।
तब  पिछली  सरकार,  कौम  को  समझ  न आता।
प्रश्न   पूछिए   यदि   'वजीर'   से,   वह  धमकाता।।
कहें   'शिशु'  तुग़लकी   फ़रमानों  को  कैसे  रोंके?
'भाग्य विधाता' जब देते हों  ख़ुद ही ख़ुद को धोखे।।

शब्दार्थ
पिछली सरकार- नेहरूजी
भाग्य विधाता: जनता

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