Tuesday, November 3, 2009

खेल-खेल में दिल्ली 'दिल्ली रानी' कहलाएगी...

खेल-खेल में दिल्ली, 'दिल्ली रानी' कहलाएगी,
शीला दिक्षित जी कहती हैं तभी विश्व को भायेगी।
अभी जहाँ कचरा-कूड़ा है उसमे फूल खिलाएंगे,
भागीदारी के माध्यम से हरियाली बिखराएंगे।
यमुना भी तब साफ़-सफाई का प्रतीक बन जायेगी,
बिजली भी तब हर घर में २४ घंटे आयेगी।
नयी-नयी बस चल जायेंगी शोर-शराबा ना होगा,
फ्लीओवर बन जाने से फिर ट्राफिक भी कम ही होगा।
मैट्रो ट्रेन चलेगी पल-पल ट्राफिक से होगा छुटकारा,
अभी जहाँ ना कोई साधन तब होगा कुछ नया नज़ारा।
इसे देख शिशु' करे प्रार्थना प्रभु हों गाँव हमारे खेल,
इसी खेल के चक्कर में ही चल जाए लोकल ही रेल।

1 comment:

नीरज गोस्वामी said...

उत्तम विचार है लेकिन उनकी ये बात सपने में ज्यादा घी डाल कर हलवा खाने वाली न हो जाये...उम्मीद है की उनकी बात सच हो...
नीरज

Popular Posts

Internship

After learning typing from Hardoi and completing my graduation, I went to Meerut with the enthusiasm that I would get a job easily in a priv...