Saturday, September 2, 2017

ख़तम पहले जाति-पांत करें।

अज़नबी ही सही कोई बात करें,
ये सफ़र तय साथ-साथ करें।

दुश्मनी भूल कर दोस्ती से कहो,
नफ़रतों से दो-चार हाँथ करें।

राह में कांटे कंकड़ बहुत हैं यहाँ,
चलो मेहनत दिन और रात करें।

धर्म की बात भी यदि ज़रूरी यहाँ
तो ख़तम पहले जाति-पांत करें।

फ़ोन करते 'शिशु' हैं बराबर, मगर,
वक़्त निकाल चलो मुलाक़ात करें।

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