नींद ना आती रात-बिरात दिखते दिन में सपने,
जब भी सुनते उसका नाम, लगते हैं सब जपने,
चारों ओर दिखाई देती बस उसकी ही छाया,
कहते हैं तकदीर में ना है सब उसकी है माया.
होती पलक बंद जब भी, तो देखें तेरी ही मूरत
दर्पण में खुद को जब देखें, देखें तेरी ही सूरत
नैनो में 'नैनो' बन बसती, माल में दिखती माल
प्रभू मिलादो उससे जल्दी करदो आज कमाल
'शिशु' देश के नर-नारी सब करते जिसकी पूजा
'धन्ना' की बेटी है 'धन्नो' नाम ना उसका दूजा
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1 comment:
Shishu Bhaiya . I have read your poems. PRAJAPATI KI PICNIC MEIN JAMA HUE KUCH VEER. I was a very good and humorous poem. You summarized it very well. Wishing u all the best.
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