बाबा ने फिरसे दिखलाई अपनी कुछ करतूत,
भोली-भली जनता फंस रही, गए सयाने छूट.
बाबा धर्माचारी है ये, अग्नि परीक्षा पास हुए,
नए-पुराने भक्त आजसे पक्के उनके दास हुए.
ग्लैमर का भी बाबा जी पर ऐसा चढ़ा बुखार,
जितने भी खबरी चैनल हैं उनका करें प्रचार.
बाबाजी की चेली बाबा का करती गुणगान
इंग्लिश बोले फर्राटे से प्रेस में करती मान
'शिशु' कहें अब बाबा बनने में ही यार भलाई है,
बाबा बन खाओ फलफ्रूट दूध में बहुत मलाई है.
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6 comments:
wah!
बढिया रचना है। बधाई।
those all Babas are Just like a Docait in the garb of Bhagwa.
we should expose them
नहीं हमेँ तो लगता है कि एक न्यूज़ चैनल का स्वामी होना ज्यादा अच्छा है.
क्योंकि भगवा का गुणगान करना हो तो चैनल.
और यदि (जिसकी माधव ने कहा) पाखंडियों का भण्डाफोड करना हो तो चैनल.
तो झट्ट से एक कविता चैनल पर भी लिख डालिए. :-)
har ek rachna me bilkul naya pan adbhut kala hai ye
Priy shishu, aag hai tumhare bhitar. achchha prayas kar rahe ho. is shanivar ke dla ke blogchintan men tumhara blog shamil karenge.
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